उपवास क्यू करते हैं?

उपवास क्यू करते हैं?

नमस्कार दोस्तों, सभी लोग उपवास करते हैं पर क्या कभी सोचा है की क्यों करते हैं।
मैने अपने जीवन में ३० साल की उम्र तक कभी उपवास नहीं किया। वो इसलिए कि में किसी चीज या कोई भी काम करने से पहले, उसके बारे में ना जान लू तब तक उसे करने का मेरा मन नहीं करता है।
मैने कई लोगों से पूछा जो पहले से ही उपवास करते हैं उन लोगों से। लेकिन में किसी के भी जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ, क्युकी सब लोग वही गिसे पिटे जवाब देते थे। कोई कहता था कि मनोकाना पूरी करने के लिए, तो कोई कहता था कि भगवान को खुश करने के लिए उनके नाम का उपवास करते हैं।
इसके अलावा मैने उन लोगों से भी पूछा, जिन्होंने कभी उपवास नहीं किया था। उनके जवाब ऐसे होते थे कि क्यू खुद को भूखा मरना अगर उपवास से सब कुछ मिल जाता तो कोई मेहनत क्यों करता। में भी यही सोचता था, की लोग उपवास तो करते हैं लेकिन फल फ्रूट से अपना पेट भर देते हैं और कहने को कहते फिरते हैं कि उपवास है। 
लेकिन हम यदि उपवास को सही तरह से समझेंगे तो पता चलेगा कि उपवास से हमें क्या मिल सकता है।

तो चलिए पता करते हैं कि उपवास के क्या फायदे हैं।

दोस्तों हमारी जिंदगी में एक ऐसी चीज है जो बहुत महत्वपर्ण है, और वो है हमारा मन। मन का इंसान की जिंदगी में बहुत बडा रोल है, मन आप से जो चाहे वो करवा सकता है, अच्छे से अच्छा भी करवा सकता है, और बुरे से बुरा भी करवा सकता है। मन यदि आपके बस में नहीं है तो आप चाह कर भी सफल नहीं बन सकते। लेकिन उपवास आपके मन को काबू में करने के का अभ्यास करवाता है, ओर मन को काबू में रखने कि शक्ति देता है। उपवास आप किसी भी चीज का कर सकते हैं, भूखा रहने की जरूरत नहीं है। आप चाहे तो चाय का उपवास करें, या चाहे तो अन का उपवास कर सकते हैं, या फिर किसी दिन पूरे दिन मोबाइल न देखने का भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आपका मन धीरे धीरे आपके काबू में आने लगेगा, क्युकी आपके मन को आदत पड़ चुकी होगी किसी चीज के बिना रहने की, आपका मन आपके बस में होता जाएगा, आपको आदत पड़ जाएगी किसी चीज के बिना रहने की, आप किसी भी चीज के आदी नहीं रहेंगे। मान लीजिए की आपको किसी चीज की आदत है, और वो आपको नहीं मिल रही है तो आपको कैसा लगेगा। सबसे पहले तो आपको गुस्सा आयेगा, फिर आप उस चीज के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाएंगे। उसे कहते हैं नशा, ओर वो नशा आपके मन को है, क्युकी आपने अपने मन को किसी चीज के बिना रहने की आदत ही नहीं डाली। मुझे उपवास का महत्व जिस दिन समझ आया उससे दो दिन बाद नवरात्रि आने वाली थी, मैने उसी नवरात्रि से उपवास रखना चालू किया, ओर पूरे नो उपवास किए, जबकि में भूख सहन भी नहीं कर पाता था, लिकिन जब उपवास रखना चालू किया तो पूरे नो दिन उपवास रखा। इस लिए मैं तो समजता हूं कि उपवास मन को काबू में करना सिखाता है। दोस्तों ये जानकारी अच्छी लगी हो तो कमेंट कर के जरूर बताए, एसी ओर जानकारी पाने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें, ताकि में जो भी नई पोस्ट शेयर करू तो आपको पता चले।

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